Allah अपने प्यारों को दुनिया से बचाता है। Allah जिस से मुहब्बत करते हैं उससे किससे बचाते हैं? Allah के कितने नाम सूरज में likhe है ? अमानत Allah को देना Allah अपने बंदो से क्या चाहाते हैं ? | Allah के हर niyamat में राजी रहना – Dawat~e~Tabligh Web Stories in Hindi…

Allah के हर niyamat में राजी रहना
- अल्लाह की तक़सीम पर राज़ी रहने में इंसान की आफ़ियत पोशीदा हैं
ऐ इब्ने आदम! मैंने तुझको अपनी इबादत के लिए पैदा किया तो तू लवे लइब में न लग और मैंने तेरे रिज़्क को मुक़द्दर कर दिया है तो तू (उसको हासिल करने में) मत थक। अगर तू मेरी तक्सीम पर राज़ी हो गया तो मेरी इज़्ज़त व जलाल की क़सम मैं तेरे दिल और जिस्म को राहत दूंगा और तू मेरे नज़दीक पसंदीदा बन जाएगा और अगर तू मेरी तक्सीम किए हुए रिज़्क़ पर राजी न हुआ तो मैं तुझ पर दुनिया को मुसल्लत कर दूंगा फिर तू ऐसा मारा-मारा फिरेगा जैसा कि वहशी जानवर फिरते हैं, और मेरी तक्सीम से ज्यादा तो तुझे मिलेगा नहीं और तू मेरे नज़दीक ना पसंदीदा बन जाएगा।
अमानत Allah को देना
- अमानत को अल्लाह तआला के सुपुर्द करने का अजीब वाक़िआ
अल्लामा दमैरी रहमतुल्लाहि अलैहि फ़रमाते हैं कि मैंने बहुत सी किताबों में यह रिवायत देखी है जिसको जैद बिन अस्लम ने अपने वालिद के हवाले से नक़ल किया है कहते हैं कि हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु बैठे हुए लोगों से मुखातिब थे, तो एक शख़्स अपना लड़का साथ लिए हुए हाज़िरे-मजलिस हुआ। उसको देखकर हज़रत उमर फ़ारूक्क रजि० ने फ़रमाया कि मैंने नहीं देखा किसी कव्बे के जो ज़्यादा मुशाबा हो तेरे इस कब्बे से । (यानी ज़्यादा काला)
उस शख्स ने जवाब दिया कि ऐ अमीरुल मोमिनीन ! इस लड़के को इसकी वालिदा ने उस वक्त पैदा किया जबकि वह मर चुकी थी, यह सुनकर हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ि० सीधे होकर बैठ गये और फ़रमाया : इस बच्चे का क़िस्सा मुझे बयान कर, चुनांचे उस शख़्स ने कहा कि ऐ अमीरुल मोमिनीन ! एक मर्तबा मैंने सफ़र का इरादा किया उस वक्त इसकी वालिदा को इसका हमल था, उसने मुझसे कहा कि तुम इस हाल मे मुझे छोड़कर जा रहे हो कि मैं हमल की वजह से बोझिल हो रही हूँ । मैंने कहा : (कि मैं इस बच्चे को जो तेरे बतन में है अल्लाह तआला के सुपूर्द करता हूँ) । यह कहकर मैं सफ़र में रवाना हो गया और कई साल के बाद घर वापस आया तो घर का दरवाज़ा बंद पाया। दूसरों से मालूम किया कि मेरी बीवी कहाँ है? उन्होंने कहा कि उसका इंतिक़ाल हो गया, मैंने पढ़ा उसके बाद अपनी बीवी की कब्र पर गया।
मेरे चचाज़ाद भाई मेरे साथ थे, मैं काफ़ी देर तक क़ब्र पर रुका रहा और रोता रहा, मेरे भाई ने मुझे तसल्ली दी और वापसी का इरादा किया और मुझे लाने लगे, चंद गज़ ही हम आये होंगे कि मुझे कब्रिस्तान में एक आग नज़र आई। मैंने अपने चचाज़ाद भाई से पूछा, यह आग कैसी है? उन्होंने कहा कि यह आग रोज़ाना रात के वक्त भाभी मरहूमा की क़ब्र में नमूदार (पैदा होती है, मैंने यह सुनकर पढ़ा और कहा औरत बहुत नेक और तहज्जुद गुज़ार थी तुम मुझे दोबारा उस कब्र पर ले जाओ, चुनाँचे वह मुझे क़ब्र पर ले गये। जब मैं क़ब्रिस्तान में दाखिल हुआ तो मेरे चचाज़ाद भाई वहीं ठिठक गये और मैं तन्हा अपनी मरहूमा बीवी की क़ब्र पर पहुंचा तो क्या देखता हूँ कि क़ब्र खुली हुई है और बीवी बैठी है और यह लड़का उसके चारों तरफ़ घूम रहा है।
अभी मैं इस तरफ़ मुतवज्जह था कि एक ग़ैबी आवाज़ आई कि अल्लाह तआला को अपनी अमानत सुपुर्द करने वाले अपनी अमानत वापस ले लो। और अगर तू उसकी वालिदा को भी अल्लाह तआला के सुपुर्द करता तो वह भी तुझको मिल जाती। यह सुनकर मैंने लड़के को उठा लिया, मेरे लड़के को उठाते ही क़ब्र बराबर हो गई। अमीरुल मोमिनीन यह क़िस्सा जो मैंने बयान किया ख़ुदा की क़सम सही है।
– हयातुस्सहाबा हिस्सा 2, पेज 1 80
Allah जिस से मुहब्बत करते हैं उससे किससे बचाते हैं?
- अल्लाह तआला अपने प्यारों को दुनिया से बचाता है
क्रतादा बिन नोमान रहमतुल्लाहि अलैहि से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया, जब अल्लाह तआला किसी बंदे से मुहब्बत करता है तो दुनिया से उसको इस तरह परहेज़ कराता है जिस तरह कि तुममें से कोई अपने मरीज़ को पानी से परहेज़ कराता है जबकि उसको पानी से नुक़सान पहुंचता हो – मुस्नद अहमद, जामे तिर्मिज़ी
फ़ायदा :- दुनिया दरअसल वही है जो अल्लाह से ग़ाफ़िल करे और जिस में मश्गुल होने से आख़िरत का रास्ता खोता हो, तो अल्लाह तआला जिन बन्दो से मुहब्बत करता है और अपने ख़ालिस इनामात से उनको नवाज़ना चाहता है उनको इस मुरदार दुनिया से इस तरह बचाता है जिस तरह कि हम लोग अपने मरीज़ों को पानी से परहेज़ कराते हैं।
– मआरिफुल हदीस, हिस्सा 2, पेज 70
Allah के कितने नाम सूरज में likhe है ?
- अल्लाह के आठ नाम जो सूरज पर लिखे हुए हैं
1. अल्-हय्यु।
2. अल्- आलिमु
3. अल्-क़ादिरु।
4. अल्-मुरीदु।
5. अस्-समीउ।
6. अल्-बसीरो।
7. अल्-मुतकल्लिमु ।
8. अल्- बाक़ी ।
-अल्-यवाक्रियत वल जवाहर, बहस 16
Allah के कितने नाम सूरज में likhe है ?– Web Stories
Allah अपने बंदो से क्या चाहाते हैं ?
- अल्लाह तआला अपने बन्दों से फ़रमाता है –
1. मेरी तरफ़ आकर तो देख
मुतवज्जे न हूं तो कहना।
2. मेरी राह में चलकर तो देख
राहे न खोल दूं तो कहना।
3. मेरे लिए बेकद्र होकर तो देख
क़द्र की हद न कर दूं तो कहना ।
4. मेरे लिए मलामत सहकर तो देख
इकराम की इंतिहा न कर दूं तो कहना।
5. मेरे लिए लुटकर तो देख
रहमत के खजाने न लुटा दूं तो कहना।
6. मेरे कूचे में बिककर तो देख
तुझे अनमोल न कर दूं तो कहना।
7. मुझे अपना रब मान कर तो देख
सबसे बेनियाज़ न कर दूं तो कहना।
8. मेरे ख़ौफ़ से आंसू बहाकर दो देख
मगफिरत के दरिया न वहा दूं तो कहना।
9. वफ़ा की लाज निभाकर तो देख
अता की हद न कर दूं तो कहना।
10. मेरे नाम की ताज़ीम करके तो देख
तकरीम की इंतिहा न कर दूं तो कहना।
11. मेरी राह में निकल कर तो देख
असरार अयां न कर दूं तो कहना ।
12. मुझे हय्युल कय्यूम मान कर तो देख
अबदी हयात का अमीन न बना दूं तो कहना ।
13. अपनी हस्ती को फ़ना करके दो देख
जामे वफ़ा से सरफ़राज़ न कर दूं तो कहना ।
14. बिल आख़िर मेरा होकर कर तो देख
हर किसी को तेरा न बना दूं तो कहना ।
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