औरतों का लालच | Paisa बड़े वबाल की चीज़ है | Dawat-e-Tabligh

औरतों को कपड़े और ज़ेवर का लालच जो होता है, इसको कौन नहीं जानता? कपड़े और ज़ेवर के लिए , गुनाहों में न ख़र्च करना बड़ा कठिन काम है। औरतों का लालच | Paisa बड़े वबाल की चीज़ है | Dawat-e-Tabligh

औरतों का लालच | Paisa बड़े वबाल की चीज़ है | Dawat-e-Tabligh
औरतों का लालच | Paisa बड़े वबाल की चीज़ है | Dawat-e-Tabligh

Amir लोग Jannat में क्यू Der से जाएंगे ? 

  • मालदार हिसाब की वजह से जन्नत में जाने से अटके रहेंगे

हज़रत अबू हुरैरः से रिवायत है कि आहज़रत सैयदे आलम ने • फ़रमाया कि तंगदस्त लोग जन्नत में मालदारों से पांच सौ वर्ष पहले दाख़िल होंगे।’। और यह भी इर्शाद फ़रमाया कि मैंने जन्नत के दरवाज़े पर खड़े होकर देखा तो उसमें जो दाख़िल हो चुके थे ज़्यादा तर मिस्कीन लोग थे और माल वाले (हिसाब देने के लिए) अटके हुए थे। मगर दोज़ख़ियों को दोज़ख़ में पहुंचाने का हुक्म हो चुका था और मैंने दोज़ख़ के दरवाज़े पर खड़े होकर देखा, तो उसमें अकसर औरतें थीं।

– बुखारी व मुस्लिम शरीफ

कौन सब से नुक्सान में है?

इस मुबारक हदीस में आंहज़रत सैयदे आलम ने कियामत के दिनका एक मंज़र फ़रमाया है जो आपको दिखा दिया गया था। इस हदीस पाक से जहां यह भी मालूम हुआ कि मालदारों को जन्नत में जाने में देर लगेगी। वहां यह भी मालूम हुआ कि तंगदस्ती और तंगी वाले पांच सौ वर्ष मालदारों से पहले जन्नत में जाएंगे। उस दिन तंगी की कीमत मालूम होगी। मगर यह भी नहीं भूलना चाहिए कि तंगदस्ती खुद से जन्नत में ले जाने वाली चीज़ नहीं है। इसके साथ नेक अमल भी होने चाहिएं। बदअमल तंगदस्त यह न समझें कि हम ज़रूर ही जन्नती हैं और हमारी बड़ी बड़ाई है। बड़ाई आख़िरत में नेक आमाल से होगी। हां, जिसके नेक अमल जन्नत के लायक होंगे, वह तंगदस्ती की वजह से मालदार से पहले जन्नत में चला जाएगा बहुत से लोग तंगदस्त भी हैं और बदअमल भी नमाज़-रोज़े से गाफिल हैं। गुनाहों में लिथड़े हुए हैं। ऐसे लोग सख़्त नुक्सान में हैं और दोनों जगह की बदनसीबी के लिए दुनिया गुज़ार रहे हैं। आंहज़रत सैयदे आलम ने फ़रमाया कि बदनसीबों का बद – नसीब वह है जो तंगदस्त भी रहा और आख़िरत का अज़ाब भी भुगता।

तंगदस्त के फ़ायदे क्या है ?

हज़रत अब्दुल्लाह बिन उम्र से रिवायत है कि आहज़रत सैयदे आलम ने फ़रमाया कि (लोग) क़ियामत के दिन जमा होंगे। इसके बाद पुकार होगी कि इस उम्मत के तंगदस्त कहां हैं? फिर उनसे सवाल होगा कि तुम ने क्या किया ? ( हिसाब दो) वे अर्ज़ करेंगे कि आप ने हमको तंगदस्ती देकर जांच में डाला। सो हमने सब्र किया (और आप की खुशी पर खुश रहे) और आपने माल और हुकूमत हमारे सिवा दूसरों को दे दिया अल्लाह जल्ल ल शाहू फरमाएंगे कि तुमने सच कहा। इसके बाद (और लोगों से पहले) जन्नत में दाख़िल हो जाएंगे। हिसाब की सख़्ती मालदारों और हुकूमत वालों पर रहेगी। सहाबा ने अर्ज़ किया ऐ अल्लाह के रसूल मोमिन उस दिन कहां होंगे? नबी करीम का इर्शाद हुआ कि उनके लिए नूर की कुर्सियां रख दी जाएंगी और उन पर बादलों का साया कर दिया जाएगा। (पहाड़ों से भी बड़ा ) दिन ईमान वालों के लिए दिन के एक छोटे-से हिस्से से भी कम होगा। 

 -तर्गीब अनितब्रानी इब्ने हब्बान

दोज़ख़ में कौन जादा जाएंगे? 

  • दोज़ख़ में अकसर औरतें और मालदार जाएंगे

हज़रत इब्ने अब्बास से रिवायत है कि आंहज़रत सैयदे आलम is ने फरमाया कि मैंने जन्नत में झांका तो देखा, उसमें अकसर तंगदस्त हैं और मैंने दोज़ख़ में झांका तो देखा कि उसमें अकसर माल वाले और औरतें हैं।

एक रिवायत में है कि आंहज़रत सैयदे आलम ने फ़रमाया कि मैं जन्नत में दाख़िल हुआ तो ऊंचे मर्तबे वाले जन्नती, तंगदस्त मुहाजिर और मोमिनों के नाबालिग बच्चे थे और जन्नत में सबसे कम मालदारों और औरतों की तादाद थी। उस वक्त मुझे बताया गया कि मालदारों का हिसाब दरवाज़े पर हो रहा है और उनको पाक व साफ़ किया जा रहा है और औरतों को (दुनिया में) सोने और रेशम ने (खुदा और खुदा के दीन से) गाफिल रखा। इसलिए यहां उनकी तादाद कम है।

– तर्गीव

Paisa बड़े वबाल की चीज़ है

माल बड़े वबाल की चीज़ है। उसको ध्यान करके हलाल के ज़रिए कमाया और फिर उसमें से अल्लाह के और अल्लाह के बंदों के हुकूक अदा करना और गुनाहों में न ख़र्च करना बड़ा कठिन काम है। इसमें अकसर लोग फेल हो जाते हैं और माल होने पर अपनी ख़्वाहिश या औलाद व बीवी की फरमाइश पर या दुनिया की रस्म व रिवाज से दबकर गुनाह के कामों में रुपये को लगाते हैं। ज़कात का सही हिसाब करके अकसर मालदार नहीं देते, हज़ारों आदमी, जिन पर हज फ़र्ज़ हो चुका था, बग़ैर हज किये मर जाते हैं। और मालदारों के लिए गुनाहों के मौके बहुत हैं जिनमें माल लुटाते और लगाते हैं। दोज़ख़ में मालदार ज़्यादा हों और हिसाब की वजह से अटके रहें, इसमें कोई तअज्जुब की जगह नहीं है।

औरतों का लालच 

दोज़ख़ में औरतों की तादाद भी बहुत भारी होगी। उनके दोज़ख़ में जाने की वजह अभी-अभी हदीस शरीफ से यह मालूम हुई कि दुनिया में रेशम और सोने के फेर में रहकर अल्लाह तआला से ग़ाफ़िल रही। औरतों को कपड़े और ज़ेवर का लालच जो होता है, इसको कौन नहीं जानता? कपड़े और ज़ेवर के लिए शौहर को हराम कमाने, रिश्वत लेने, कर्ज़-उधार करने  पर मजबूर करती हैं और दिखावे कि लिए पहनती हैं। एक महिफ़ल में एक जोड़ा पहनकर गयी थीं, तो अब दूसरी महिफल में उसी जोड़े को पहनकर जाने में शर्म समझती हैं। ज़ेवर पहनकर कहीं गर्मी के बहाने गला खोलकर दिखाती हैं, कहीं ज़ेवर की डिज़ाइनों पर बहस चलाकर अपने ज़ेवर के अनोखा होने की बड़ाई हांकती हैं। दिखावा बहुत बड़ा गुनाह है। इर्शाद फ़रमाया नबी अकरम ने जो भी औरत दिखावे कि लिए सोने के ज़ेवर पहनेगी, अज़ाब पाएगी।

 -मिश्कात शरीफ

जो ज़ेवर हराम कमाई का है, उसका अज़ाब की वजह होना ज़ाहिर है लेकिन जो हलाल कमाई से बनता है, उसकी ज़कात न औरतें अदा करती हैं, न उनके शौहर अदा करते हैं। जिस माल की ज़कात न दी जाएगी, वह आख़िरत में वबाल और अज़ाब बनेगा।

बुख़ारी व मुस्लिम की एक रिवायत में है कि औरतों ने सवाल किया कि या रसूलुल्लाह ! औरतें दोज़ख़ में ज़्यादा जाने वाली क्यों होंगी? इर्शाद फ़रमाया, (इसिलए कि) तुम लानत (फिटकार) भेजने का मश्गुला (काम) बहुत रखती हो और शौहर की नाशुक्री करती हो ।           

-मिश्कात  शरीफ

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