बद्-अख़लाक़ ( ख़राब आदत) के कान में अज़ान देना, शैतान के परेशान करने और डराने के वक्त अज़ान कहना, Azan dene के फ़ायदे Web Stories |भूत/ Jinnat को देखे तो kya kare? – Dawat-e-Tabligh….

गम का इलाज
- ग़मगीन (Pareshan) के कान में अज़ान देना
जो शख़्स किसी रंज व गम में मुब्तला हो उसके कान में अज़ान देने से उसका रंज व गम दूर हो जाता है। हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्ह फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुझे गमगीन देखकर फ़रमाया : इब्ने अबी तालिब! मैं तुम्हें गमगीन देख रहा हूँ? मैंन कहा: जी हाँ आप सल्ल० ने फ़रमाया :
तर्जमाः- तुम अपने घर वालों में से किसी से कहो कि वह तुम्हारे कान में अज़ान दे क्योंकि यह गम का इलाज है।
हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि मैंने यह अमल किया तो मेरा ग़म दूर हो गया। इसी तरह इस हदीस के तमाम रावियों ने इसको आजमाकर देखा तो सबने इसको मुजर्रव पाया।
-कन्जुल उम्माल, हिस्सा 2, पेज 658
किसि की आदत ख़राब हो जाए तो kya kare?
- बद्-अख़लाक़ के कान में अज़ान देना
जिसकी आदत ख़राब हो जाये, ख़्वाह इंसान हो या जानवर, उसके कान में भी अज़ान दी जाये, हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया :
तर्जमाः- जो बद्- अख़्लाक़ हो जाये, ख़्वाह इंसान हो या चौपाया, उसके कान में अज़ान दो।
-रिवाहुदुदैवलमी, मिर्ऋत शरह मिश्कात, हिस्सा 2, पेज 149
Shaitan agar परेशान / डराए तो kya kare?
- शैतान के परेशान करने और डराने के वक्त अज़ान कहना
जब शैतान किसी को परेशान करे और डराये उस वक्त बुलन्द आवाज़ से अज़ान कहनी चाहिए, क्योंकि शैतान अज़ान से भागता है, हज़रत सुहैल बिन सालेह कहते हैं कि मेरे वालिद ने मुझे बनू हारिसा के पास भेजा, और मेरे साथ हमारा एक बच्चा या साथी था। दीवार की तरफ़ से किसी के पुकारने वाले ने उसका नाम लेकर आवाज़ दी, और उस शख्स ने जो मेरे साथ था दीवार की तरफ देखा तो उसको कोई चीज़ नज़र नहीं आई, फिर मैंने अपने वालिद साहब से इसका तकिरा किया तो उन्होंने फ़रमाया : अगर मुझे पता होता कि तुम्हें ये बात पेश आएगी तो मैं तुमको न भेजता :
तर्जमा:- लेकिन (यह बात याद रखो कि) जब तुम कोई आवाज़ सुनो तो बुलंद आवाज़ से अज़ान कहो, क्योंकि मैंने हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु को हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यह हदीस बयान करते हुए सुना कि जब अज़ान कही जाती है तो शैतान पीठ फेरकर गौज़ मारता हुआ भागता है ।
– मुस्लिम शरीफ़ हिस्सा 1, पेज 167
भूत/ Jinnat को देखे तो kya kare?
- गौले बयाबानी (भूतों) को देखकर अज़ान कहना
अगर कोई शख़्स भूत-प्रेत देखे तो उसको बुलन्द आवाज़ से अज़ान कहनी चाहिए। हज़रत सजूद बिन अबी वक़्क़ास रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि मैंने रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को फ़रमाते हुए सुना कि :
तर्जमाः- जब तुम्हारे सामने भूत-प्रेत अलग-अलग शक्लों में नमूदार हों तो अज़ान कहो ।
-मुसन्निफ़ अब्दुर्रज्जाक, हिस्सा 5, पेज 163
Azan dene के फ़ायदे Web Stories
अज़ान देने के चन्द और मवाके
मज़कूरा मौक़ों के अलावा अज़ान के नीचे दिये गये मौके भी बुजुर्गों ने ज़िक्र किये हैं:
1. आग लगने के वक्त
2. कुफ़्फ़ार से जंग करने के वक्त।
3. गुस्से के वक़्त
4. जब मुसाफ़िर रास्ता भूल जाये
5. जब किसी को मिर्गी का दौरा पड़े,
लिहाज़ा इलाज और अमल के तौर पर इन मौक़ों पर भी अज़ान कहने में कोई हर्ज नहीं है इमदादुल फ़तावा में लिखा है कि इन मौक़ों में अजान सुन्नत है :
1. फ़र्ज़ नमाज (के लिए)
2. बच्चे के कान में पैदा होने के वक्त
3. आग लगने के वक़्त,
4. जंगे कुफ़्फ़ार के वक़्त,
5. मुसाफ़िर के पीछे जब शयातीन ज़ाहिर होकर डरायें,
6. गम के वक्त,
7. गज़ब के वक्त,
8. जब मुसाफ़िर रास्ता भूल जाये,
9. जब किसी को मिर्गी आये,
10. जब किसी आदमी या जानवर की बद्- अख़्लाक़ी ज़ाहिर हो, उसको साहबे रहुल-मुख़्तार ने अपनी किताब में ज़िक्र किया है।
-इमदादुल फतावा, हिस्सा 1, पेज 165