Ba-wazu रहने के फायदे | Wazu को sunnat तारिके से करना Dawat~e~Tabligh

बावुज़ू मरने वाला भी शहीद है। अल्लाह! अपने फ़लाँ बंदे की मफ़िरत कर दे कि वह रात बा-बुजू सोया है । Ba-wazu रहने के फायदे | Wazu को sunnat तारिके से करना Dawat~e~Tabligh in Hindi..

Ba-wazu रहने के फायदे | Wazu को sunnat तारिके से करना Dawat~e~Tabligh
Ba-wazu रहने के फायदे | Wazu को sunnat तारिके से करना Dawat~e~Tabligh

Ba-wazu मरना

  • बावुज़ू मरने वाला भी शहीद है

1. जो शख्स रात को बा-बुजू सोये फिर इस हालत में) उसको मौत आ जाये तो वह शहीद मरा।

2. जो शख़्स रात को बा-बुजू सोता है तो एक फ़रिश्ता सारी रात उससे जुड़ा रहता है, उसके लिए इन कलिमात से इस्तिगृफ़ार करता रहता है कि ऐ अल्लाह! अपने फ़लाँ बंदे की मफ़िरत कर दे कि वह रात बा-बुजू सोया है ।

Wazu को sunnat तारिके से करना क्यों जरूरी है ?

बुजू की तर्तीय में सुन्नत को फ़र्ज़ पर मुक़द्दम क्यों किया ?

मुकर्रम व मुहतरम,

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व वरकातुहू

सवाल : बाद सलाम, गुज़ारिश है कि मुझे एक तालिब इल्माना सवान होता है कि वुज़ू में चेहरे का धोना फ़र्ज़ की रू से ज़रूरी है जबकि इस फ़ज़ियन की अदाएगी से पहले हाथ भी धोते हैं, कुल्ली भी करते हैं और नाक में भी पानी डालते हैं जबकि ये सब चीजें सुन्नत की क़बील से हैं तो वुज़ू की तर्तीव में हक़ वह बनता है कि फ़र्ज़ पहले हो और सुन्नतें बाद में हों, लिहाज़ा सुन्नत को फ़र्ज़ पर मुक़द्दम क्यों किया?

जवाब : फ़क़हा ने इसका यही जवाब दिया है कि जब कोई आदमी पानी से बुजू करने लगेगा और वह अपने हाथ में पानी लेगा तो उसे आंखों से देखकर पानी के रंग का पता चलेगा, जब मुंह में डालेगा तो ज्ञायके का पता चलेगा और जब नाक में डालेगा तो उसे बू का पता चल जाएगा। इसी तरीके से जब उसे तसल्ली हो जाएगी कि पानी का रंग भी ठीक है, उसका जायका भी ठीक है और उसकी बू भी ठीक है तो वह शरीअत का हुक्म पूरा करने के लिए चेहरे को धोएगा।

Ba-wazu रहने के फायदे

  • जब तक बा-वुज़ू रहोगे फ़रिश्ते नेकियाँ लिखते रहेंगे

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उनसे फ़रमाया: ऐ अबू हुरैरा ! जब तुम बुज़ू करो तो बिस्मिल्लाह व अल्हम्दुलिल्लाह कह लिया करो (इसका असर यह होगा कि जब तक तुम्हारा यह वुज़ू बाक़ी रहेगा उस वक्त तक तुम्हारे मुहाफ़िज़ फ़रिश्ते (यानी आमाल के लिखने वाले) तुम्हारे लिए बराबर नेकियाँ लिखते रहेंगे ।

– मआरिफुल कुरआन, हिस्सा 3, पेज 75

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