Hajj ki shayari (Poetry, Status, Quotes in Hindi) Dawat~e~Tabligh

Hajj ki shayari (Poetry, Status, Quotes in Hindi) Dawat~e~Tabligh

बैतुल्लाह जाइए और यह अशआर पढ़िए। जाम ज़मज़म का पिलाया, मैं तो इस क़ाबिल न था। ख़ास अपने दर का रखा तूने ऐ मौला मुझे, यूँ नहीं दर-दर फिराया, मैं तो इस काबिल न था। Hajj ki shayari (Poetry, Status, Quotes in Hindi) Dawat~e~Tabligh

Pen वापस देना भुल गए | Khuda का ख़ौफ़ – Dawat~e~Tabligh

Pen वापस देना भुल गए | Khuda का ख़ौफ़ - Dawat~e~Tabligh

जबसे होंटों पे या रब तेरा नाम है,  तेरे बीमार को काफ़ी आराम है। हां क़दम का उठाना मेरा काम है, 
पार बेड़ा लगाना तेरा काम है। जैसी नीयत वैसा अल्लाह का मामला Pen वापस देना भुल गए | Khuda का ख़ौफ़ – Dawat~e~Tabligh in Hindi..

जब Bade हुए तो क्या Sacchai देखा Kavita in Hindi | Dawat~e~Tabligh

जब Bade हुए तो क्या Sacchai देखा Kavita in Hindi | Dawat~e~Tabligh

इल्म की नुमाइश करनेवालों को, जाहिलों की मज्लिस सजाते देखा । हसद व कीना में जलनेवालों को, रोज़ी की तंगदस्ती में देखा। सब्र व शुक्र करने वालों को, दुनिया में बावकार देखा। Web Stories जब Bade हुए तो क्या Sacchai देखा Kavita in Hindi | Dawat~e~Tabligh…

Tahajjud ki कविता Web Stories |अल्लाह की तरफ़ से – Dawat-e-Tabligh

Tahajjud ki कविता |अल्लाह की तरफ़ से - Dawat-e-Tabligh1026_205830

मांगने वाला हो ! जो रिज़्क का तालिब हो मैं रिज़्क उसे दूंगा ! वह माइले तौबा हो मैं माइले बख्शिश हूँ ! वह अपने गुनाहों की कसरत से न घबराये ! मैं रहम से बख़्शृंगा वह शर्म से पछताये ! Tahajjud ki कविता Web Stories |अल्लाह की तरफ़ से – Dawat-e-Tabligh….

सिल-ए-रहमी – Rista निभाने से क्या फ़ायदा होता है ? Kin लोगो se kabar में सवाल नहीं होगा ? Part-1 Kin लोगो se kabar में सवाल नहीं होगा ? Part-2 जलने वालों से कैसे बचे ? Dil naram karne ka wazifa