शैतान का फसाना | Shaitan की चलाकिया | Dawat-e-Tabligh
Shaitan मेरी बात क्यों मानी? तुम खुद मुज्मि हो? पैगम्बरों की दावत छोड़कर , हुज्जत और दलील के ज़रिए। मेरे झूठे और बातिल बुलावे पर तुमने क्यों कान धरा। कोई ज़बरदस्ती हाथ पकड़ के तो मैंने तुमसे कुफ़ व शिर्क के काम कराये नहीं। शैतान का फसाना | Shaitan की चलाकिया | Dawat-e-Tabligh….