रात में Allah के लिए जगने वाले Jannat में बिना हिसाब के जाएगा। bina hisab kitab ke jannat. Baap के साथ Jannat में जाना। Mardo ko कंगन kaha पहनाये जाएंगे? Jannat ki चादर ओढ़ाई जाएगी। एक नेकी पर Jannat में दाख़िला | बीना हिसाब के 70000 log Jannat में जाएंगे- Dawat~e~Tabligh Web Stories in Hindi…

रात में Allah के लिए जगने वाले Jannat में बिना हिसाब के जाएगा
- रातों को अल्लाह के लिए जागने वालों का जन्नत में बे-हिसाब दाख़िला
अस्मा बिन्त यज़ीद रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फ़रमया कि क्रियामत के दिन सब लोग (ज़िन्दा किए जाने के बाद) एक बड़े और हमवार (सीधे) मैदान में जमा किए जाएंगे। (यानी सब मैदाने – महशर में जमा हो जाएंगे) फिर अल्लाह का मुनादी पुकारेगा कि कहाँ हैं वे बंदे जिनके पहलू रातों को बिस्तरों से अलग रहते थे (यानी बिस्तर छोड़कर जो रातों को तहज्जुद पढ़ते थे)? वह उस पुकार पर खड़े हो जाएंगे और उनकी तादाद ज्यादा न होगी। फिर वह अल्लाह के हुक्म से बगैर हिसाब-किताब के जन्नत में चले जाएंगे। उसके बाद बाक़ी तमाम लोगों के लिए हुक्म होगा कि वह हिसाब के लिए हाजिर हों।
– वाहुल बैहक़ी क़ी शोबुल ईमान
एक नेकी पर Jannat में दाख़िला
क्रियामत के दिन ऐसे एक शख्स को हाज़िर किया जाएगा जिसके मीजान के दोनों पलड़े नेकी- बदी बराबर होंगे और ऐसी कोई नेकी नहीं होगी जिससे नेकी का पलड़ा झुक जाये, फिर अल्लाह तआला अपनी रहमत से फ़रमाएंगे कि लोगों में जाकर तलाश करो कि तुम्हें कोई नेकी मिल जाये, जिससे तुमको जन्नत में पहुंचाऊ, तो वह शख्स बहुत हैरान व परेशान लोगों में तलाश करता रहेगा लेकिर हर शख्स यही कहेगा कि मुझे अपने बारे में डर है कि मेरी नेकी का पलड़ा हल्का न हो जाये और मैं तुझसे नेकी का ज़्यादा मोहताज हूँ, तो वह शख़्स बहुत मायूस होगा। इतने में एक शख्स पूछेंगा, तुझे क्या चाहिए? वह कहेगा। मुझे एक नेकी चाहिए और मैं बहुत लोगों से मिल चुका जिनकी हज़ारों नेकियाँ हैं लेकिन हर एक ने मुझसे बख़ीली (कंजूसी) की है, तो वह शख़्स कहेगा कि मैंने भी अल्लाह तआला से मुलाक़ात की थी और मेरे सहीफ़े (कागजात) में सिर्फ़ एक ही नेकी है और मुझे यह गुमान है कि इससे मेरा कोई फ़ायदा नहीं होगा लिहाज़ा तू ही इसको मेरी तरफ़ से हदिया (तोहफ़े में) ले जा । (और अपनी जान बचा) ।
वह शख्स उस नेकी को लेकर बहुत मुसर्रत के साथ अल्लाह तआला से मिलेगा, अल्लाह तआला अपने इल्म के बावजूद उससे पूछेंगे कि तेरी क्या ख़बर है? वह कहेगा, ऐ मेरे रब! उसने अपना काम इस तरीके से पूरा किया। ( वह शख़्स पूरी हालत वहाँ बयान करेगा) फिर अल्लाह तआला उस शख्स को हाज़िर करेगा जिसने उसको नेकी दी थी और उससे अल्लाह तआला कहेगा, आज के दिन मेरी सखावत तेरी सखावत से कहीं ज्यादा है लिहाजा अपने का हाथ पकड़ और तुम दोनों 1 जन्नत में चले जाओ।
– अतकिरा, हिस्सा 1, पेज 310, जरक्राई, हिस्सा 12, पेज 9 60
Baap के साथ Jannat में जाना
- वालिद के साथ ख़ैर-ख़्वाही पर जन्नत में दाख़िला
ऐसा ही एक दूसरा बालिआ है कि एक शख्स के दोनों मीज़ान के पलड़े बराबर होंगे। अल्लाह तआला उससे फ़रमाएंगे, तू न तो जन्नती है और न जहन्न्मी है, इतने में फ़रिश्ता एक सहीफ़ा लाकर उसके मीज़ान के एक पलड़े में रखेगा, जिसमें उफ़ (वालिदैन की तकलीफ़ व सदमे की आवाज़) लिखा होगा जो बदी के पलड़े को वज़नी कर देगा इसलिए कि वह (उफ़) ऐसा कलिमा है जो दुनिया के पहाड़ों के मुक़ाबले में भारी है। चुनांचे उसके लिए जहन्नम का फ़ैसला होगा वह शख्स अल्लाह तआला से जहन्नम से नजात पाने की दख्वस्ति करेगा तो अल्लाह तआला फ़रिश्तों से फ़रमाएंगे इसको वापस लाओ, फिर अल्लाह तआला उसे कहेंगे: ऐ माँ-बाप के नाफ़रमान ! तू किस वजह से जहन्नम से छुटकारे की दर्खास्त करता है? वह शख्स कहेगा। ऐ रब! मैं जहन्नम में जाने वाला हूँ कि मुझे वहाँ से छुटकारा नहीं क्योंकि मैं वालिद का नाफ़रमान था और मैं अभी देख रहा हूँ कि मेरा बाप भी मेरी तरह जहन्न्म में जाने वाला है। लिहाजा मेरे बाप के बदले में मेरा अज़ाब दोगुना कर दिया जाये और उसको जहन्नम से छुटकारा दिया जाये यह बात सुनकर अल्लाह तआला हंस पड़ेंगे और फ़रमाएंगे (दुनिया में तू इसका नाफ़रमान था और आख़िरत में इसको बचा दिया, पकड़ो अपने बाप का हाथ और दोनों जन्नत में चले जाओ)
– अत्तकिरा, हिस्सा 1, पेज 319, क़र्तबी, हिस्सा 1,
-ज़रक़ाई, हिस्सा 12, पेज 319
बीना हिसाब के 70000 log Jannat में जाएंगे
- उम्मते – मुहम्मदिया की बहुत बड़ी तादाद का बग़ैर हिसाब के जन्नत में दाख़िला
हज़रत अबू अमामा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सुना आप फ़रमाते थे कि मेरे परवरदिगार ने मुझ से वादा फ़रमाया है कि मेरी उम्मत में से 70 हज़ार को वह बगैर हिसाब-किताब के जन्नत में भेजेगा और उनमें से हर हज़ार के साथ 70 हज़ार होंगे। और तीन हस्ये मेरे परवरदिगार के हस्यात में से (मेरी उम्मत में से बगैर हिसाब और बगैर अज़ाब के जन्नत में भेजे जाएंगे)।
फ़ायदा:- जब दोनों हाथ भरकर किसी को कोई चीज़ दी जाती है तो अरबी में उसको हस्या कहते हैं जिसको उर्दू और हिन्दी में लप भरकर देना कहते हैं, तो हदीस का मतलब यह है कि अल्लाह तआला का वादा है कि वह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत में से 70 हज़ार को बिना हिसाब और बिना अज़ाब जन्नत में दाखिल करेगा और फिर उनमें से हर हज़ार के साथ 70 हज़ार और भी उसी तरह बिना हिसाब व अज़ाब जन्नत में जाएंगे और उस सबके अलावा अल्लाह तआला अपनी ख़ास शाने रहमत से उस उम्मत की बहुत बड़ी तादाद को तीन मर्तबा करके और जन्नत में भेजेगा और यह सब वही होंगे जो वगैर हिसाब और बगैर अज़ाब के जन्नत में दाखिल होंगे।
इन्तिवाह :- :- इस किस्म की हदीसों की पूरी हकीकत उसी वक्त खुलेगी जब यह सब बातें अमली तौर पर सामने आएंगी, इस दुनिया में तो हमारा इल्म व इदराक इतना नाक्रिस है कि बहुत से इन वाक्रिआत को सही तौर पर समझने से भी हम कासिर हैं जिनकी ख़बरें हम अखबारों में पढ़ते हैं, मगर इस क़िस्म के वाक्रिआत का कभी हमने राजज़िया और मुशाहिदा किया हुआ नहीं होता ।
Mardo ko कंगन kaha पहनाये जाएंगे?
- अहले- जन्नत को कंगन पहनाये जाएंगे
तर्जमा:- अल्लाह तआला उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने नेक काम किये जन्नत के ऐसे बाग़ों में दाखिल करेगा जिसके नीचे नहीं जारी होंगी, उनको वहाँ सोने के कंगन और मोती पहनाये जाएंगे और पोशाक उनकी वहाँ रेशम की होगी।
यहाँ यह शुव्हा होता है कि कंगन हाथों में पहनना औरतों का काम और उनका ज़ेवर है, मर्दों के लिए बुरा समझा जाता है। जवाब यह है कि दुनिया के बादशाहों की इमतियाज़ी शान रही है कि सर पर ताज और हाथों में कंगन इस्तेमाल करते थे जैसा कि हदीस में है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सुराक़ा बिन मालिक को जबकि वह मुसलमान नहीं थे और सफ़रे – हिजरत में आपको गिरफ्तार करने के लिए तआकुब (पीछा करना) में निकले थे। जब उनका घोड़ा ब- इज्ने-खुदावन्दी ज़मीन में धंस गया और उसने तौबा की तो आप सल्ल० की दुआ से घोड़ा निकल गया उस वक्त सुराक़ा बिन मालिक से वादा फ़रमाया था कि कसा शाहे फ़ारस के कंगन माले- गनीमत में मुसलमानों के पास आएंगे वह तुम्हें दिए जाएंगे और जब हज़रत फ़ारूक़ आज़म रज़ियल्लाहु अन्हु के ज़माने में फ़ारस का मुल्क फ़तह हुआ और ईरान के यह कंगन दूसरे अम्वाले गनीमत के साथ आये तो सराक़ा बिन मालिक ने मुतालबा किया और उनको दे दिये गये। खुलासा यह है कि जैसे सर पर ताज पहनना आम मर्दों का रिवाज नहीं, शाही एजाज़ है उसी तरह हाथों में कंगन भी शाही ऐज़ाज़ समझे जाते हैं इसलिए अहले जन्नत को कंगन पहनाये जाएंगे, कंगन के बारे में इस आयत में और सूरः फ़ातिर में यह है कि वह सोने के होंगे और सूरः निसा में यह कंगन चाँदी के बताये गये हैं इसलिए हज़रात मुफ़स्सिरीन ने फ़रमाया कि अहले-जन्नत के हाथों में तीन तरह के कंगन पहनाये जाएंगे।
1. सोने के।
2. चाँदी के
3. मोतियों का जैसा कि इस आयत में सोने और मोतियों का ज़िक्र मौजूद है।
-मआरिफुल क़रआन, पेज 238, पारा 17
Mardo को किस तरह के कंगन पहनाये जाएंगे? – Web Stories
Jannat ki चादर ओढ़ाई जाएगी
- Jannat की चादर ओढ़ने का नववी नुस्खा
हज़रत अबू हुरेरा रज़ि० का बयान है कि नवी करीम सल्ल० ने फ़रमाय, “जिस शख्स ने किसी ऐसी औरत की ताज़ियत की जिसका बच्चा मर गया हो तो उसको जन्नत में दाखिल किया जाएगा और जन्नत की चादर ओढ़ाई जाएगी।” (तिर्मिज़ी, आदाबे ज़िंदगी, पेज 62 )
-
Chair में बैठ कर बयान करने की दलील Dawat~e~Tabligh
-
नाखून कब काटना चाहिए? Dawat~e~Tabligh
-
Kiska जूठा खा सकते है? | खाने से पहले और बाद में हाथ धोने Ke फायदा – Dawat~e~Tabligh