तकब्बुर की सज़ा दुनिया में जल्दी मिलती है। jalan और हसद 2 ख़तरनाक रूहानी बीमानियां | Ghamand की सज़ा दुनिया में जल्दी मिलती है Dawat~e~Tabligh in Hindi..

Ghamand की सज़ा दुनिया में जल्दी मिलती है
- तकब्बुर की सज़ा दुनिया में जल्दी मिलती है अल्लाह हिफ़ाज़त फ़रमाए
एक बड़ा ज़मींदार आदमी था। अंग्रेज़ों की हुकूमत ने उसे इतनी ज़मीनें दीं कि रेलगाड़ी चलती तो अगला स्टेशन उसकी ज़मीन से आता था, फिर रेलगाड़ी चलती तो दूसरा स्टेशन भी उसकी जमीन ही में आता था, फिर रेलगाड़ी चलती तो तीसरा स्टेशन भी उसकी जमीन से आता था। गोया रेलगाड़ी के तीन स्टेशन उसकी जमीनों में आते थे वह अरबपती आदमी था। उसका आलिशान घर था। ख़ूबसूरत बीवी थी और एक ही बेटा था। उसकी ज़िन्दगी ठाट की गुज़र रही थी। वह एक मर्तबा अपने दोस्तों के साथ शहर के एक चौक में खड़ा आईसक्रीम खा रहा था। उसी दौरान उसके दोस्तों ने कहा कि आजकल कारोबार अच्छा नहीं है, कुछ परेशानी है और हम मस्रूफ़ रहते हैं। यह सुनकर उसके अंदर “मैं” आई और वह कहने लगा, यार तुम भी क्या हो, हर वक्त परेशान फिरते हो कि आएगा कहां से? लेकिन मैं तो परेशान फिरता हूं कि लगाऊंगा कहां पर मेरी तो इक्कीस नस्लों को भी कमाने की परवाह नहीं है। जब उसने तकब्बुर की यह बात की तो अल्लाह तआला को सख्त नापसन्द आई। नतीजा यह निकला कि वह छः महीनों के अंदर इस दुनिया से रुखसत हो गया।
2 ख़तरनाक रूहानी बीमानियां
- हसद और हिर्स दो ख़तरनाक रूहानी बीमानियां हैं
जब हज़रत नूह अलैहि० अपने उम्मतियों को लेकर कश्ती में बैठे तो उन्हें कश्ती में एक बूढ़ा नज़र आया उसे कोई पहचानता भी नहीं था। आप अलैहि० ने हर चीज़ का जोड़ा कश्ती में बिठाया मगर वह अकेला था। लोगों ने उसे पकड़ लिया। वह हज़रत नूह अलैहि० से पूछने लगे कि यह बूढ़ा कौन है? हज़रत नूह अलैहि० ने उससे पूछा, बताओ तुम कौन हो? वह कहने लगा, जी मैं शैतान हूं। आपने सुनकर फ़रमाया, तू इतना चालाक बदमाश है कि कश्ती में आ गया। कहने लगा, जी मुझसे गलती हो गई अब आप मुझे माफ़ फ़रमा दें। आपने फ़रमाया, तुम्हें हम ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे, तू हमें अपना गुण बता जा जिससे तू लोगों को सबसे ज़्यादा नुक्सान पहुंचाता है। कहने लगा, जी मैं सच-सच बताऊंगा अलबत्ता आप वादा करें कि आप मुझे छोड़ देंगे।
आपने फ़रमाया, ठीक है हम तुम्हें छोड़ देंगे। वह कहने लगा- में दो बातों से इंसान को ज़्यादा नुक्सान पहुंचाता हूं :
1. हसद
2. हिर्स
फिर वह कहने लगा कि हसद एक ऐसी चीज़ है कि मैं खुद उसकी वजह से बर्बाद हुआ और हिर्स वह चीज़ है जिसकी वजह से आदम अलैहि० को जन्नत से ज़मीन पर उतार दिया गया। इसलिए में इन्हीं दो चीज़ों की वजह से इंसान को सबसे ज़्यादा नुक्सान पहुंचाता हूँ।
वाकई ये दोनों ऐसी ख़तरनाक बीमानियां हैं जो तमाम बीमानियों की बुनियाद बनती हैं। आज के सब लड़ाई-झगड़े या तो हसद की वजह से हैं या हिर्स की वजह से। हासिद इंसान अंदर ही अंदर आग में जलता रहता है। वह किसी को अच्छी हालत में देख नहीं सकता। दूसरे इंसान पर अल्लाह तआला की नेमतें होती हैं और हासिद के अंदर मरोड़ पैदा होते हैं कि वह अच्छी हालत में क्यों है (मल्लात हज़रत जी मौलाना इनामुल हसन साहब रह०, खुसूसी मज्लिस में)
-
Chair में बैठ कर बयान करने की दलील Dawat~e~Tabligh
-
नाखून कब काटना चाहिए? Dawat~e~Tabligh
-
Kiska जूठा खा सकते है? | खाने से पहले और बाद में हाथ धोने Ke फायदा – Dawat~e~Tabligh