यहां दुनिया में जो छोटा-बड़ा होने के मेयार हैं यहीं रह जाएंगे। बड़े-बड़े घमंडी, जो दुनिया में बहुत घमंडी और सरबुलंद समझे जाते थे, घमंडी लोगो का क्या होगा ?| Allah ki अदालत 3| Dawat-e- Tabligh …

घमंडी लोगो का क्या होगा?
कियामत के दिन अमल के मुताबिक रुत्वों में फर्क होगा और छोटाई-बड़ाई का मेयार नेकी-बदी होगा। यहां दुनिया में जो छोटा-बड़ा होने के मेयार हैं यहीं रह जाएंगे। बड़े-बड़े घमंडी, जो दुनिया में बहुत घमंडी और सरबुलंद समझे जाते थे, कियामत के दिन दोज़ख़ के गहरे गढ़े में ढकेल दिए जाएंगे और उनकी बड़ाई और चौधराहट धूल में मिल जाएगी। वहाँ ये मर्दूद कहेंगे :
‘मेरा माल मेरे कुछ काम न आया, जाती रही मेरी हुकूमत ।’ और यह कहना और हाथ मलना कुछ काम न आयेगा।
नीची जात के लोगो के साथ क्या होगा?
और बहुत से लोग ऐसे होंगे जो दुनिया में नर्म बनकर रहते थे, लोग उनको नीची की नज़र से देखते थे और नीची जात का समझते थे और उनको अपनी बड़ाई का ख्याल न था लेकिन चूंकि उन्होंने अल्लाह अपना तअल्लुक सही रखा और अल्लाह के हुक्मों पर अमल करते रहे। इसलिए कियामत के दिन उनमें से कोई मुश्क के टीले पर बैठा होगा; कोई नूर के मिंबर पर होगा; अर्श के साए में मज़े करते होंगे। फिर बहुत-से तो बेहिसाब और बहुत-से तो हिसाब के बाद जन्नत में दाख़िल होंगे और उसके साफ-सुथरे कोठों में चैन से रहेंगे।
Duniya के इज़्ज़तदार लोगो के साथ क्या होगा?
सरवरे आलम ने इर्शाद फ़रमाया कि ख़बरदार! बहुत-से लोग जो दुनिया में खाते-पीते और नेमतों में रहने वाले हैं। आख़िरत में नंगे भूखे होंगे। फिर फ़रमाया कि ख़बरदार! दुनिया में बहुत-से लोग ऐसे हैं जो अपने को इज़्ज़तदार बना रहे हैं और हकीकत में वे अपने को ज़लील कर रहे हैं। (जिसका पता आख़िरत में चल जाएगा) और बहुत-से लोग दुनिया में ऐसे हैं जो (नर्मी की वजह से) अपने को ज़लील कर रहे हैं। सच तो यह है कि वे अपने को इज्ज़तदार बना रहे हैं (क्योंकि उनकी नर्मी उनको जन्नत में पहुंचा देगी) ।
-तर्गीब व तहींब
लोगो को नीचा दीखाना/ pareshan करने वालो के साथ क्या होगा ?
हज़रत अबू हुरैरः रिवायत फरमाते हैं कि आंहज़रत सैयदे आलम ने फरमाया कि ज़रूर ऐसा होगा कि क़ियामत के दिन (भारी भरकम) मोटा-ताज़ा आदमी आयेगा, जिसका वज़न अल्लाह के नज़दीक मच्छर के बराबर भी न होगा यानी उसकी हैसियत और पोज़ीशन उस दिन न होगी) फिर आपने फ़रमाया कि तुम चाहो तो ( मेरी बात की तस्दीक़ में) इस आयत को पढ़ लो ।
(तो हम क़ियामत के दिन उनके लिए ज़रा वज़न भी कायम न करेंगे)। आज दुनिया में बहुत-से आका हैं जिनके नौकर-चाकर और ख़ादिम हैं। इन नकरों को गालियां देते हैं, मारते-पीटते हैं और बहुत-से लोग दौलत या ओहदे के नशे में क्रम-हैसियत लोगों से बेगारें लेते हैं और बात-बात में लात-घूंसा दिखाते हैं। कियामत का दिन सही फैसले और वाकई इंसाफ का होगा। वहां बहुत-से नौकर-चाकर और क्रम हैसियत लोग बुलन्द हो जाएंगे और घमंड करने वाले, दौलत व पोज़ीशन वाले, जो खुदा के बागी थे, पस्त हो जाएंगे उनपर ज़िल्लत सवार होगी और दोज़ख़ का रास्ता गे। क्या हाल बनेगा उन लोगों का जो बड़ाई के लिए एलेक्शन पर एलेक्शन लड़े बन जाते हैं और बड़ाई की उम्मीद में या बड़ाई मिलने के लिए अल्लाह तआला के हुकुमों के ख़िलाफ़ करते रहते हैं, ऐसे लोग अपना अंजाम सोच लें।