नाम की minnat मानी जाए, गैरुल्लाह के नाम की minnat जाइज़ नहीं बल्कि गुनाह है। क्या minnat (request) करना अच्छा है ? Dawat~e~Tabligh in Hindi…

क्या minnat (request) करना अच्छा है?
- मिन्नत मानने की शराइत
कुरआन मजीद ख़तम करवाने की मिन्नत लाज़िम नहीं होती। शरअन मिन्नत जाइज़ है मगर मिन्नत मानने की चन्द शर्ते हैं-
1. अल्लाह तआला के नाम की मिन्नत मानी जाए, गैरुल्लाह के नाम की मिन्नत जाइज़ नहीं बल्कि गुनाह है।
2. मिन्नत सिर्फ इबादत के काम की सही है जो काम इबादत का नहीं है उसकी मिन्नत भी सही नहीं।
3. इबादत भी ऐसी हो कि इस तरह की इबादत कभी फ़र्ज़ या वाजिब नहीं है जैसे नमाज़, रोज़ा, हज, कुर्बानी वगैरह। ऐसी इबादत कि इसकी जिन्स कभी फ़र्ज़ नहीं इसकी मिन्नत भी सही नहीं, कुरआन ख्वानी की मिन्नत मानी हो तो वह लाज़िम नहीं होती।
— आपके मसाइल और उनका हल, हिस्सा 3, पेज 419
-
Ba-wazu रहने के फायदे | Wazu को sunnat तारिके से करना Dawat~e~Tabligh
-
Dimag में दिन भर बुरे विचार आना से कैसे bache ? Dawat~e~Tabligh
-
Ghamand की सज़ा दुनिया में जल्दी मिलती है | 2 ख़तरनाक रूहानी बीमानियां Dawat~e~Tabligh