हिसाब-किताब, किसास, मीज़ान ‘ और हर जान को उसके अमल का पूरा बदला दिया जाएगा।’ नफ़्लों Namaz के फायदा | रातो में Namaz फड़ने वाले | Dawat-e-Tabligh..

नीयतों पर फैसले
नफिल Namaz के फ़ायदे
- नमाज़ का हिसाब और नफ़्लों का फायदा
हज़रत अबू हुरैरः ने फरमाया कि मैंने रसूलुल्लाह से सुना है कि बेशक क़ियामत के दिन बंदे के आमाल में से पहले उसकी नमाज़ का हिसाब किया जाएगा। पस अगर नमाज़ ठीक निकली तो कामयाबी और बामुराद होगा और अगर नमाज़ ख़राब निकली तो नामुराद और टोटा उठाने वाला होगा। पस उसके फ़र्ज़ी में कोई कमी रह जाएगी तो अल्लाह तआला फ़रमायेंगे कि देखो, क्या मेरे बन्दे के कुछ नफ़्ल भी हैं? पस (अगर नफ़्ल निकले तो ) जो फ़र्ज़ी में कमी होगी, नफ़्लों के ज़रिए पूरी कर दी जाएगी। फिर (नमाज़ के बाद) उसके बाकी अमलों का इसी तरह हिसाब होगा।’
एक रिवायत में है कि फिर (नमाज़ के बाद) इसी तरह ज़कात का हिसाब होगा। फिर (दूसरे) आमाल इसी तरह से ( हिसाब में) लिए जाएंगे।
-मिश्कात शरोप
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यानी फर्ज़ नमाज़ों की तकमील नफ्लों से (गैर नमाज़ में भी) की जाएगी।
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रातो में Namaz फड़ने वाले
बेहिसाब Jannat में जाने वाले
अस्मा बिन्त यज़ीद रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि आहज़रत ने फरमाया कि क़ियामत के दिन लोग एक ही मैदान में जमा किए जायेंगे, उस वक्त एक पुकारने वाला ज़ोर से पुकार कर कहेगा कि वे लोग कहां हैं, जिनके पहलू बिस्तरों से अलग रहते थे (क्योंकि वे रातों को नमाज़ों में वक्त गुज़ारते थे)। यह सुनकर इस ख़ूबी के लोग पूरे मज्मे में से निकल कर खड़े होंगे जो तायदाद में बहुत कम होंगे। ये लोग जन्नत में बग़ैर हिसाब के दाख़िल हो जायेंगे फिर उसके बाद बाकी लोगों का हिसाब शुरू करने के लिए हुक्म होगा ।
– बैहकी शोबुल ईमान
हज़रत अबू उमामा फरमाते हैं कि आंहज़रत सैयदे आलम ने फ़रमाया है कि मेरे रब ने मुझसे वादा फ़रमाया है कि तेरी उम्मत से सत्तर हज़ार बिला हिसाब-किताब जन्नत में दाख़िल होंगे, जिन पर कोई अज़ाब न होगा। हर हज़ार के साथ सत्तर हज़ार होंगे जो इसी बड़ाई से नवाज़े जायेंगे और तीन लप मेरे रब के लप’ भरकर (भी) जन्नत में दाखिल होंगे।
-मिश्कात शरीफ