उस रास्ते में जान भी दे दी ज़हे कमाल, वारिद हुआ वह क़ल्वे हज़ीने नफ़ीस पर ‘रासे मुबल्लिग़ां’ है तेरा साले इंतिक़ाल ।…..

तारीख़े विसाल
– सैयद नफ़ीसुल हुसैनी
ऐ नूरे ऐन हज़रते इलयास देहलवी !
ऐ यूसुफ़े ज़माना व ऐ साहिबे जमाल, इस्लाम का नमूना तेरी ज़िंदगी रही,
ला रैब तेरी ज्ञात थी रोशनतरीं मिसाल,
हर बुतकदे में तेरी अज्ञां गूंजती रही,
अल्लाह ने दिया तुझे नुत्फ़ व लबे बिलाल, तब्लीग़ दीने हक़ में गुज़ारी तमाम उम्र,
उस रास्ते में जान भी दे दी ज़हे कमाल,
वारिद हुआ वह क़ल्वे हज़ीने नफ़ीस पर
‘रासे मुबल्लिग़ां’ है तेरा साले इंतिक़ाल ।
(सन् 1384 हि०)