औरतें तीन क़िस्म की होती हैं
औरतें तीन क़िस्म की होती हैं
Gray Frame Corner
1. एक औरत तो वह है जो पाकदामन, मुसलमान, नर्म तबीयत, मोहब्बत करने वाली, ज़्यादा बच्चे देने वाली हो
और ज़माने के फ़ैशन के ख़िलाफ़ अपने घर वालों की मदद करती हो
और घर वालों को छोड़कर ज़माने के फ़ैशन पर न चलती हो लेकिन तुम्हें ऐसी औरतें बहुत कम मिलेंगी।
2. दूसरी वह औरत है जो ख़ाविन्द से बहुत मुतालिबा करती हो
और बच्चे जन्ने के अलावा उसका कोई और काम नहीं
3. तीसरी वह औरत है जो ख़ाविन्द के गले का तौक़ हो
3. तीसरी वह औरत है जो ख़ाविन्द के गले का तौक़ हो
और जूँ की तरह चिपकी हुई हो
(यानी बद्-अख़लाक़ भी हो और उसका महर भी ज़्यादा हो जिसकी वजह से उसका ख़ाविन्द उसे छोड़ न सकता हो)।
ऐसी औरत को अल्लाह तआला जिसकी गर्दन में चाहते हैं डाल देते हैं और जब चाहते हैं उसकी गर्दन से उतार लेते हैं।
बीवि का इंसाफ़
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