दीनार को दीनार क्यों कहते हैं ?

दीनार को दीनार क्यों कहते हैं ?

दीनार को दीनार क्यों कहते हैं (वजह तस्मिया)

इब्ने अबी हातिम में हज़रत मालिक विन दीनार रह० का क़ौल मरवी है।

कि दीनार को इसलिए दीनार कहते हैं कि

वह दीन यानी ईमान भी है और

नार यानी आग भी है।

मतलब यह है कि हक़ के साथ लो तो दीन,

नाहक़ लो तो नार यानी आतिशे दोज़ख़ । 

- (तफ़्सीर इब्ने कसीर, जिल्द 1, पेज 423)

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