नीयत करता हूँ दो रक्अत नमाज़ फ़र्ज़, (वक़्त फज्र), इमाम के पीछे, अल्लाह के वास्ते, रुख मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अक्बर ।
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