पाँच जुमले दुनिया के लिए 

वह शख़्स इन कलिमात को पढ़ते हुए ही अल्लाह तआला को उसके हक्क़ में काफ़ी

कलिमात पढ़ने पर अज्र व सवाब देते हुए पाएगा। 

पहले पाँच कलिमात दुनिया से मुतअल्लिक़ हैं -

1. काफ़ी है मुझको अल्लाह, मेरे दीन के लिए।  

2. काफ़ी है मुझको अल्लाह, मेरे कुल फ़िक्र के लिए 

3. काफ़ी है मुझको अल्लाह, उस शख़्स के लिए जो मुझ पर ज़्यादती करे।  

4. काफ़ी है मुझको अल्लाह, उस शख़्स के लिए जो मुझ पर हसद करे। 

5. काफ़ी है मुझको अल्लाह, उस शख़्स के लिए कि धोखा और फ़रेब दे मुझे बुराई के साथ। 

पाँच जुमले आख़िरत के लिए

पाँच जुमले आख़िरत के लिए