Tahajjud ki कविता Web Stories |अल्लाह की तरफ़ से
Gray Frame Corner
मैं नूर के तड़के में जिस वक्त उठा सोकर!
अल्लाह की रहमत के दरवाजे खुले पाये !
White Frame Corner
जो रिज़्क का तालिब हो मैं रिज़्क उसे दूंगा !
जो तालिबे जन्नत हो जन्नत की तलब लाये !
0218
Gray Frame Corner
वह अपने गुनाहों की कसरत से न घबराये !
White Frame Corner
White Frame Corner
वह माइले तौबा हो मैं माइले बख़्शिश हूँ !
मैं और तो क्या मागूं तू ही मुझे मिल जाये !
0218
Gray Frame Corner
Read more
Read
more
0218